तीसरे चरण के चुनाव में 5 लोकसभा सीट पर 60 प्रतिशत हुआ मतदान
Lok Sabha Election 2024
एनडीए और महागठबंधन की लड़ाई में किसका पलड़ा है भारी
अर्थप्रकाश / मुकेश कुमार सिंह
पटना / बिहार। Lok Sabha Election 2024: बिहार लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 54 प्रत्याशियों की सियासी किस्मत, मंगलवार को ईवीएम में बंद हो चुकी है। इस चरण में 60 प्रतिशत मतदान हुए हैं। इस चरण में 5 लोकसभा सीट झंझारपुर, अररिया, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं मतदान किया है। इस चरण में मतदाता, 54 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करने जा रहे हैं। इनमें तीन महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। इस चरण में 19 प्रत्याशी निर्दलीय हैं। सर्वाधिक 15 उम्मीदवार सुपौल में और सबसे कम मधेपुरा में आठ प्रत्याशी चुनावी समर में हैं। बिहार निर्वाचन आयोग के मुताबिक बिहार में तीसरे चरण के चुनाव में 9,848 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस चरण में प्रमुख प्रत्याशियों की बात करें तो सभी पाँच क्षेत्रों में, मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। इन पाँच सीटों में इस बार महागठबंधन की तरफ से राजद ने तीन सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि एक सीट पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) और एक पर माकपा के उम्मीदवार हैं। मधेपुरा सीट पर जदयू ने एक बार फिर से दिनेश चंद्र यादव को उतारा है, जिनका सीधा मुकाबला राजद के डॉक्टर कुमार चंद्रदीप से है। मधेपुरा सीट को लगभग जीती हुई सीट मान कर, बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान, प्रचार के लिए किसी भी बड़े चेहरे को नहीं उतारा। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने ही सबसे बड़े चेहरे के तौर पर, मधेपुरा लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार किये। झंझारपुर में जदयू ने एक बार फिर से रामप्रीत मंडल को ही चुनावी मैदान में उतारा है। महागठबंधन की ओर से विकासशील इंसान पार्टी के सुमन कुमार महासेठ चुनावी रण में ताल ठोंक रहे हैं। जाहिर सी बात है कि मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच है। खगड़िया में लोजपा (रामविलास) की ओर से इस बार, चौधरी महबूब अली कैसर की जगह राजेश वर्मा को चुनाव मैदान में हैं। महागठबंधन की तरफ से माकपा के संजय कुमार उम्मीदवार हैं। दीगर बात है कि खगड़िया संसदीय सीट पर, महागठबंधन को एक दशक से जीत का इंतजार है। सुपौल सीट भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहाँ से जदयू ने दिलेश्वर कामत को फिर से दुहराया है। राजद से चंद्रहास चौपाल प्रत्याशी हैं। सीमांचल की बेहद खास सीट, अररिया से भाजपा के प्रदीप सिंह और राजद से शाहनवाज आलम प्रत्याशी हैं।
एनडीए और महागठबंधन की लड़ाई में किसका पलड़ा है भारी
बिहार में तीसरे चरण की पाँच सीटों पर मतदान का समापन हो गया। पहले और दूसरे चरण की तुलना में, इस बार मतदान का प्रतिशत बेहतर रहा। हालांकि, 2019 में हुए इन पांचों सीटों पर हुए मतदान से तुलना करें तो इस बार करीब 1.22 प्रतिशत कम मतदान हुआ। पिछली बार 61.22 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार 60 प्रतिशत हुआ। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास के मुताबिक, तीसरे चरण में सबसे अधिक अररिया में 62.80 प्रतिशत और झंझारपुर में सबसे कम 55.50 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद सुपौल में 62.40, मधेपुरा में 61 प्रतिशत और खगड़िया में 58.20 प्रतिशत मतदान हुआ है। 2019 के चुनाव की तुलना में मधेपुरा और खगड़िया सीट पर मतदान अधिक हुआ। 2019 में मधेपुरा में 60.86 प्रतिशत तो खगड़िया में 57.68 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। चुनाव परिणाम 4 जून को आएँगे लेकिन पाँचों सीटों पर, मोदी फैक्टर काफी हावी रहा है। एक तरफ प्रकृति ने मौसम का मिजाज बदला, ठीक उसी तरह जितनी विपरीत दिशा की हवाएँ थीं, वे सारी हवाएँ मतदान शुरू होते ही एनडीए के पक्ष में कुछ तेजी से बहती हुई प्रतीत हुई है। वैसे ईवीएम तक जाते-जाते मतदाताओं ने क्या किया है, इस पर साफ-साफ कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। खास कर के मधेपुरा और सुपौल की सीट, एनडीए के खाते में स्पष्ट रूप से जाती हुई दिख रही है। मतदान के बाद कई इलाकों में घनघोर बारिश हुई। इस बारिश में भी समर्थक अपने दल के प्रत्याशी की जीत के दावे करने से नहीं चूक रहे थे। मधेपुरा के एनडीए प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव के सहरसा स्थित आवास पर, समर्थकों के बीच खासा उत्सास देखा गया। खुद प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव ठहाके लगा रहे थे। इससे जाहिर होता है कि मधेपुरा सीट, सौ फीसदी एनडीए के खाते में जाती दिख रही है। आखिर में हम यह जरूर कहेंगे कि इस चरण के चुनाव में, मतदाना प्रतिशत में इजाफा हुआ है। उम्मीद यह जताई जा रही है कि शेष चरण के होने वाले चुनाव में, मतदान के प्रतिशत में और बढ़ोतरी होगी।